विटामिन D क्या है?
विटामिन D, अपने नाम के बावजूद, एक पोषक तत्व है जिसे हम खाते हैं, और एक हॉर्मोन है जिसे हमारा शरीर धूप के संपर्क में आने पर बनाता है. विटामिन D के यौगिक विटामिन D1, D2, और D3 बनाते हैं.
विटामिन D के लाभ
विटामिन D के कई लाभ हैं:
- यह हड्डियों और दांतों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है.
- पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेने से ऑटो-इम्यून रोगों का जोखिम कम हो सकता है.
- विटामिन D के एंटीऑक्सीडेंट गुण सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD), अनिद्रा और डिप्रेशन में सुधार कर सकते हैं.
- Increasing vitamin D intake can prevent colds, flu, or other respiratory infections.
- Vitamin D may increase insulin sensitivity, bolster beta cell function, and reduce inflammation, helping individuals manage diabetes.
Factors of deficiency
वैसे तो शरीर अपना विटामिन D खुद बना सकता है, लेकिन कुछ लोगों में इसकी कमी का जोखिम बाकियों की तुलना में अधिक होता है.
- ठंडे महीनों में, लोगों को पर्याप्त विटामिन D नहीं मिल पाता है, जिसके कारण उनका न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन प्रभावित हो सकता है. जो व्यक्ति नाईट शिफ्ट में काम करते हैं या उत्तरी अक्षांश या धुंध और कोहरे के कारण उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें ज़्यादा धूप नहीं मिल पाती. वे विटामिन D की इस कमी की पूर्ति के लिए कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं.
- बुज़ुर्ग व्यक्तियों को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती क्योंकि वे अपना अधिकांश समय घर के भीतर बिताते हैं. विटामिन D को संश्लेषित करने की त्वचा की क्षमता भी आयु के साथ कम होती जाती है.
- ऐसे लोग जो बहुत ज़्यादा बॉडी फैट और मोटापे से पीड़ित हैं, उनमें त्वचा से विटामिन D को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता कम हो सकती है.
- त्वचा का पिगमेंटेशन भी सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को कम कर सकता है.
- जिन लोगों की गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी की जाती है, उनमें छोटी आंत का ऊपरी भाग हटा दिया जाता है, जहां विटामिन D अवशोषित होता है.
- विटामिन D एक फैट सोल्युबल विटामिन है जो आंतों की फैट अवशोषित करने की क्षमता पर निर्भर करता है. इसलिए, इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज़ या फैट के सामान्य पाचन को बाधित करने वाली इसी प्रकार की अन्य स्थितियों से पीड़ित व्यक्ति में इस विटामिन की कमी का जोखिम अधिक हो सकता है
- जो लोग लैक्टोज नहीं पचा पाते या जो लोग वीगन डाइट का पालन करते हैं, उन्हें भी विटामिन D की कमी हो सकती है.
विटामिन D में कमी के लक्षण
विटामिन D की कमी के लक्षणों या हानिकारक प्रभावों को देखें:
- विटामिन D की कमी के कारण होने रोगों में बच्चों को होने वाला रोग रिकेट्स शामिल है, जिसके कारण हड्डियां मुलायम रह जाती हैं और वयस्क अवस्था में मुड़े हुए पैरों या ओस्टियोमलेशिया का कारण बनती हैं. विटामिन D की गंभीर कमी से हाइपोकैल्सीमिया रोग हो सकता है, जिसमें कैल्शियम की कमी हो जाती है. इसके परिणामस्वरूप ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों में दर्द हो सकता है.
- विटामिन D की कमी से मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती हैं और ट्विचिंग की समस्या हो सकती है, जो मायलजिया या मांसपेशियों में दर्द का कारण बन सकती है.
- इससे अर्थ्राल्जिया या जोड़ों में अकड़न भी हो सकती है.
- विटामिन D की कमी के लक्षणों में से एक हाइपर-पैरा-थायरॉयडिजम है, जिसमें पैराथायरॉइड ग्रंथि एक हॉर्मोन असंतुलन उत्पन्न करती है जिससे रक्त में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है.
- इस विटामिन की लंबे समय तक कमी रहने से गर्भावस्था से संबंधित जटिलताओं, संक्रमणों, ऑटो-इम्यून समस्याओं, हृदय रोगों, न्यूरोलॉजिकल रोगों का सामना करना पड़ सकता है, या हो सकते हैं कुछ प्रकार के कैंसर.
How to prevent deficiency?
अगर आप जानना चाहते हैं कि विटामिन डी को कैसे बढ़ाएं, तो आपको विटामिन डी की अपनी दैनिक खुराक के लिए निम्नलिखित तरीके आजमाने चाहिए:
- सुनिश्चित करें कि आपको सूरज की पर्याप्त रौशनी मिले. विटामिन D के लिए धूप में बैठने का सबसे अच्छा समय सुबह 7 से 9 बजे तक होता है. हर दिन 10-15 मिनट तक धूप में रहने पर, पर्याप्त विटामिन D मिल सकता है. लेकिन, बिना सनस्क्रीन के धूप में बहुत ज़्यादा देर तक न रहें, क्योंकि सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से त्वचा का कैंसर हो सकता है.
- विटामिन D की कमी के जोखिम वाले लोग विटामिन D के खाद्य स्रोतों का सहारा ले सकते हैं, जैसे- अंडे का पीला भाग, चीज़, बीफ लीवर, मशरूम, फोर्टिफाइड मिल्क, ब्रेकफास्ट सीरियल, योगर्ट, फैटी फिश (साल्मन, मैकरेल, और टूना), गुड़, और फोर्टिफाइड सीरियल और जूस.
ऐक्टिव रहकर, ऐक्टिव लिविंग कम्युनिटी से जुड़े रहें, और नई जानकारी के साथ, बेहतर बनाएं अपना लाइफस्टाइल और फिटनेस.