फ्लेक्सिबिलिटी आसानी से और बिना किसी जकड़न या दर्द के आपके शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों में होने वाली गतिशीलता है.
इनके बारे में जानें:
फ्लेक्सिबिलिटी के लाभ
रोज़ाना के कार्यों, फिटनेस और एथलेटिक्स के लिए, मांसपेशियों को जोखिम पहुंचाए बिना, कई प्रकार की गतिशीलता और स्ट्रेचिंग की आवश्यकता होती है. इसलिए, फ्लेक्सिबल रहना ज़रूरी है, क्योंकि इसके बहुत लाभ मिलते हैं. फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग से पोस्चर में सुधार हो सकता है, चोट का जोखिम कम हो सकता है, और इससे जोड़ों की गतिशीलता बढ़ती है. विशेष रूप उम्र के बढ़ने पर यह आवश्यक है. यह कमर के निचले हिस्से, को मज़बूत बनाने में भी मदद करता है और मांसपेशियों के तनाव और दर्द को कम करता है.
आपकी फ्लेक्सिबिलिटीको बेहतर बनाने के लिए योग पोस्चर
आजमाएं ये 4 योगासन फ्लेक्सिबल बनने के लिए.
- कैट-काउ
इस योग पोस्चर से आपका स्पाइन और कोर गतिशील बनता है. अपने कंधों के नीचे अपनी कलाई रखें और अपने कूल्हों के नीचे घुटनों को रखें, और चारों पर समान दबाव रखें. सांस लें और अपनी पीठ को झुकाएं, अपने चेहरे को आकाश की ओर घुमाएं और अपने पेट को जमीन की ओर रखें. अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और अपनी पीठ को गोल बनाएं और सिर को नीचे करें. सुनिश्चित करें कि आपको स्ट्रेच महसूस हो.
2. फॉरवर्ड फोल्ड
अपने पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं और आगे की ओर झुकें. अपने पैरों को जितना संभव हो सके, उतना लम्बा करें, अपने सिर को घुटनों पर लाएं और अपने पैरों को छूने की कोशिश करें. अगर आप पहली बार कर रही हैं, तो आप अपने घुटनों को थोड़ा मोड़ सकती हैं या योग ब्लॉक का उपयोग भी कर सकती हैं.
3. सीटेड टोर्सो स्ट्रेच
अपने बाएं पैर को फैलाकर ज़मीन पर बैठें और अपने दाएं पैर को अपने बाएं पैर पर क्रॉस करके रखने के बाद मज़बूती से फर्श पर जमाएं. अब सहायता और अच्छा स्ट्रेच पाने के लिए, अपने धड़ को अपनी दाहिनी जांघ पर, अपने बाएं हाथ का उपयोग करके दाईं ओर मोड़ें.
4. फिगर-फोर स्ट्रेच
अपने हिप्स और ग्लूट्स के जकड़न को कम करने के लिए, ज़मीन पर लेटें और अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को सीधा करें. जब आप बाएं घुटने पर दायां पैर रखें, तब अपने दाएं पैर को छाती की ओर लेकर आएं और हिप्स और ग्लूट्स में स्ट्रेच महसूस करें. इसे दूसरे पैसे पर दोहराएं.
अपनी फ्लेक्सिबिलिटीको बेहतर कैसे बनाएं ?
जानें कि आप कैसे बेहतर बना सकते हैं फ्लेक्सिबिलिटी:
- अपने शरीर पर ध्यान दें. नोटिस करें कि आपके शरीर के कौन-से हिस्से आसानी से मुड़ते हैं और किस हिस्से में जकड़न है. घंटों बैठे रहने के कारण, सामान्य रूप से सबसे अधिक जकड़न गले, कंधे, और हैमस्ट्रिंग में होते हैं.
- अच्छा पोस्चर से बहुत फर्क पड़ता है. चाहे आप पढ़ाई कर रहे हों, ड्राइविंग कर रहे हों या अपने लैपटॉप पर काम कर रहे हों या फिर बैठे हों, अगर आपका सिर, आपके शरीर के आगे की ओर झुका हुआ है, तो आपकी पीठ झुकी होगी, और आपके कंधे आगे की तरफ होंगे, जिससे आपकी मांसपेशियां अप्राकृतिक स्थिति में होंगी. अपने स्पाइन को अपने सिर की सीध में करके और अपने कंधों को कानों की सीध में रखकर बैठना शुरू करें.
- एक्सरसाइज़ करने से पहले या बाद में स्ट्रेच करें. आप योग, pilates, और डांस करके भी बढ़ा सकते हैं अपनी फ्लेक्सिबिलिटी. आप काम से ब्रेक लेकर भी आसान स्ट्रेचिंग कर सकते हैं.
- स्ट्रेचिंग के लिए किसी विशेष समय की आवश्यकता नहीं है. आप सुबह जल्दी उठकर या रात में सोने से पहले भी स्ट्रेचिंग कर सकते हैं. मुख्य बात यह है कि आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने, बनाए रखने और फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार करने के लिए इसे निरंतर रूप से जारी रखना है.
किसी भी समय, अगर आपको कोई असुविधा महसूस होती है, तो इसे करना तुरंत बंद करें. अपने जीवन को स्वस्थ तरीके से जीने के लिए, अधिक जानें फिटनेस और सचेतन-से भरी जानकारी, हमारे ऐक्टिव लिविंग पेज पर.